प्रदूषण पर निबंध हिंदी में ( Essay on Pollution in Hindi)
प्रदूषण का स्तर आजकल इतना बढ़ गया है कि प्रदूषण पर निबंध ( Pradushan pr nibandh) सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ अकादमिक परीक्षाओं में निबंध लेखन के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण विषय बन गया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए और अकादमिक परीक्षाओं के लिए प्रदूषण पर एक संक्षिप्त और सार्थक निबंध लिखा है।
Pradushan par Nibandh |
प्रदूषण पर निबंध हिंदी में ( Essay on Pollution in Hindi, Pradushan Par Nibandh in Hindi)
प्रदूषण का अभिप्राय (Meaning of Pollution):
प्रदूषण (Pollution) का अभिप्राय (Meaning) है कि हमारी पारिस्थितिकी (Ecology) में कोई भी अवांछित, हानिकारक, अशुद्ध, गंदा तत्व (प्रदूषक) का मिल जाना । प्रदूषण शब्द आजकल इतना आम हो गया है कि हर कोई, यहां तक कि एक छोटा बच्चा भी इस शब्द से अवगत है। स्वस्थ पारिस्थितिकी और पर्यावरण (Environment) के लिए, पारिस्थितिकी में सब कुछ एक उचित अनुपात में होना चाहिए। लेकिन जब मानवीय कार्यकलापों से अवांछित पदार्थ इसमें इसमें मिल जाते हैं, तो यह हमारी पारिस्थितिकी को प्रदूषित बना देता है।
प्रदूषण मनुष्यों के साथ-साथ सभी जीवित प्राणियों के लिए बहुत खतरनाक है। प्रदूषण ( Pradushan ) मुख्य रूप से मानवीय गतिविधियों के कारण होता है, जो कभी- कभी आलस्य और अशिक्षा के कारण और कभी कभी पैसे कमाने के लालच में पर्यावरण को नजरअंदाज करके किये गए कार्यो के कारण होता है। यह कई प्रकार के जानलेवा रोगों जैसे कैंसर, अस्थमा आदि का कारण बनता है। इसलिए, पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है।
प्रदूषण के प्रकार (Types of Pollution or Pradushan ke Prakar):
वायु प्रदूषण (Air Pollution), जल प्रदूषण (Water Pollution), मृदा प्रदूषण (Soil Pollution), ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution) सहित प्रदूषण कई प्रकार के हैं, और इन सबके जिम्मेदार आधुनिक मानव समाज ही है जो अपने तुच्छ स्वार्थ के लिए पर्यावरण और पारिस्थितिकी की समृधि को नजरंदाज कर रहा है ।
वायु प्रदूषण कई प्रकार के जानलेवा रोगों जैसे अस्थमा और कैंसर, का कारण है जो की निम्न वायु गुणवत्ता के कारण होता है । वायु प्रदूषण का मुख्य कारण हमारे पर्यावरण में मौजूद गैसों में संदूषण है जो उद्योगों, मोटर वाहनों, आतिशबाजी और कृषि अपशिष्टों से जलने वाले धुएं के कारण होता है। इस धुएं में कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन-मोनो-ऑक्साइड और क्लोरोफ्लोरोकार्बन जैसे खतरनाक गैसे शामिल है जो मानव के साथ-साथ सभी जीवित प्राणियों के लिए जानलेवा है।
जल प्रदूषण दूसरा सबसे बड़ा प्रदूषण है जो डायरिया, पीलिया, टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों का कारण है जो हर वर्ष लाखों लोगों के मौत का कारण बनता है। जल प्रदूषण का मुख्य कारण औद्योगिक कचरा, शहरी अपशिष्ट एवं अनेक प्रकार के कृषि रसायन इत्यादि हैं जो नदियों में मिलकर नदियों के जल के साथ साथ भूमिगत जल को भी गन्दा कर देतें है
आधुनिक समय में जिस प्रकार से अनेकों प्रकार के प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, अगर इसकी रोकथाम के लिए अभी से आवश्यक ठोस कदम नहीं उठाये गए तो मानव जीवन के साथ साथ सभी जीवित प्राणियों का जीवन अंधकारमय हो जायेगा । अतः हम सबको अपनी पारिस्थितिकी और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की जरुरत है । हमें हमेशा पर्यावरण के अनुकूल ही वस्तुओं के प्रयोग कर कोई भी कार्य करने से पहले पर्यावरण के अनुकूलता का विशेष ध्यान देना चाहिए ।
प्रदूषण पर निबंध हिंदी में ( Essay on Pollution in Hindi) : (Pradushan Par Nibandh in Hindi)
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जल प्रदूषण (Water Pollution or Jal Pradushan)
वायु प्रदूषण ( Air Pollution or Vayu Pradushan)
ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution or Dhwani Pradushan)
मृदा प्रदूषण (Soil Pollution or Mrida Pradushan)
पर्यावण प्रदूषण (Environment Pollution or Paryavaran Pradushan)
1 Comments
Thanks 👍 sir g
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