तुलसीदास का जीवन परिचय ( Tulsidas Ka Jivan Parichay)
गोस्वामी तुलसीदास (Tulsidas Ka Jivan Parichay)
हिंदी साहित्य के उज्ज्वल नक्षत्र गोस्वामी तुलसीदास (Tulsidas Ji Ka Janm) जी का जन्म 1511 ईo (संवत् 1568 विक्रम) में बाँदा जिला उत्तरप्रदेश के राजापुर ग्राम में हुआ था इनके जन्म स्थान के विषय में विद्वानों में मतभेद है कुछ विद्वान इन जन्म स्थान एटा जिले के सोरो नामक स्थान को मानते है तथा कुछ गोंडा जिले के सुकरक्षेत्र राजापुर को मानते है इनके पिता का नाम पंडित आत्माराम दूबे एवं माता का नाम हुलसी देवी (Hulasi Devi) था कहा जाता है की बाल्यकाल में ही इनके माता पिता ने इनका परित्याग कर दिया था एवं इनका पालन पोषण प्रसिद्ध संत नरहरिदास के संरक्षण में हुआ इन्ही के देखरेख में तुलसीदास ने भक्ति भाव, ज्ञान विद्या अर्जित की और शिक्षा पूरी होने के उपरांत अपनी पैतृक गाँव राजापुर आ गये यहाँ पर इनका विवाह पंडित दीनबंधु पाठक की सुंदर कन्या रत्नावली से हुआ
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गोस्वामी तुलसीदास जी का जीवन वृतांत: ( Tulsidas Ka Jeevan Parichay )
गोस्वामी तुलसीदास जी अपनी पत्नी रत्नावली से अत्यधिक प्रेम करते थे एक बार बरसात के मौसम में पत्नी रत्नावली ( #Ratnavali ) माइके गई हुई थी तुलसीदास जी बरसते हुए पानी में पत्नी के प्रेम में उनसे मिलने चले गए इस पर इनकी पत्नी ने कहा की जितना पध्यान आप मुझ पर देते है उनता ध्यान भगवान पर दिया होता तो साक्षात् भगवान के दर्शन हो जाते इस बात से तुलसीदास का हृदय परिवर्तन हो गया और वे प्रभु के भक्ति भाव में लग गए
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तदोपरान्त तुलसीदास जी ने काशी के विद्वान, शेष सनातन से वेद-वेदांगो का ज्ञान प्राप्त कर अनेक धार्मिक तीर्थ स्थलों के भ्रमण करते हए प्रभु श्री राम के अलौकिक चरित्र का गुणगान करने लगे इन्होने अपने जीवन अधिकांश समय अयोध्या, चित्रकूट और काशी में बिताया ऐसा कहा जाता है की तुलसीदास ( #Tulsidas ) ने अपने अंतिम समय में विनयपत्रिका (Vinaypatrika) लिखी थी तथा प्रभू श्री राम ने इस पर अपने हस्ताक्षर भी किये थे सन 1623 ईo में काशी के अस्सी घाट पर भागवान श्री राम के नाम का उच्चारण करते हुए परमात्मा में विलीन हो गए .
तुलसीदास - संक्षिप्त विवरण ( Tulsidas Ka Jivan Parichay in Hindi)
- जन्म: 1511 ईo (संवत् 1568 विक्रम)
- जन्मस्थान: ग्राम राजापुर, जिला- बाँदा, उत्तर प्रदेश
- पिता: पंडित आत्माराम दूबे
- माता: हुलसी देवी
- पत्नी : रत्नावली
- मृत्यु: 1623 ईo (संवत् 1680 विक्रम )
- साहित्यिक कृतियाँ: रामचरित मानस, गीतावली, दोहावली, कवितावली, विनयपत्रिका आदि
तुलसीदास: साहित्यिक परिचय ( Tulsidas Sahityik Parichay )
गोस्वामी तुलसीदास रामभक्ति शाखा के महान बिभूति थे इनकी रचनाओं में प्रभु श्रीराम के प्रेम भक्ति का चरित्र चित्रण किया गया है इन्होने अपनी रचनाओं में दोहा, सोरठा, चौपाई, छंद आदि का उपयोग किया है
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तुलसीदास: कृतियाँ ( Tulsidas Sahityik Kritiya )
रामचरित मानस, गीतावली, दोहावली, कवितावली, विनयपत्रिका, रामलला नहछू, पार्वती मंगल, बरवे रामायण, वैराग्य संदीपनी इत्यादि
Tulsidas Ramcharitmanas |
रामचरितमानस ( Tulsidas Ramcharitmanas)
तुलसीदासकृत रामचरितमानस सबसे विख्यात ग्रन्थ है जिसमे तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के जीवन का जिवंत वर्णन किया किया रामचरितमानस में चौपाई, छंद, सोरठा, दोहा आदि के माध्यम से प्रभु श्रीराम के जीवन की घटनाओ का भक्तिभाव पूर्वक वर्णन किया गया है
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