Online Classes vs Traditional Classes in hindi
ऑनलाइन क्लासेस Vs ट्रेडिशनल क्लासेस दोनों के इसके अपने अलग अलग फ़ायदे और नुकसान हैं। ऑनलाइन कक्षाओं में छात्र और शिक्षक अपने अपने दूरस्थ स्थान से डिजिटल मोड के माध्यम से एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और पठन पाठन का कार्य ऑनलाइन ही किया जाता है जबकि पारंपरिक कक्षाओं में छात्र और शिक्षक स्कूल की कक्षाओं में एक दुसरे से वास्तविक रूप से मिलकर आमने सामने पठन पाठन का कार्य करते हैं और अपने ज्ञान को समृद्ध करते हैं। आज यहां हम 'ऑनलाइन कक्षाओं बनाम पारंपरिक कक्षाओं' Online Classes vs Traditional Classes in hindi' के पक्ष और विपक्ष के बारे में चर्चा करेंगे। हम पारंपरिक कक्षाओं बनाम ऑनलाइन कक्षाओं पर निबंध रूप (Online Classes vs Traditional Classes essay in hindi) में इसके सभी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए चर्चा करेंगे।
Online Classes vs Traditional Classes in hindi
निम्नलिखित 10 बिंदुओं में हमने ऑनलाइन कक्षाओं और पारम्परिक कक्षाओं के लाभ और नुकसान (advantage and disadvantage of online classes in hindi) पर अपने विचार प्रस्तुत किये हैं। इन 10 बिंदु में मैंने अभिगम्यता (Accessibility), समय (Time), खर्च (Expenditure), भवन (Spece/Building), सड़क पर ट्रैफिक (Traffic on Road), पेरेंट्स की अधिकभागीदारी (Involvement of Parents), स्वास्थ्य (Health), खेल और फिटनेस (Games and Fitness), व्यक्तित्व विकास (Personality Development) इत्यादि फैक्टर्स को सम्मिलित किया है
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1. अभिगम्यता (Accessibility) : ऑनलाइन कक्षाओं में छात्र अपनी कक्षा में कहीं से भी उपस्थित हो सकते हैं चाहे वह घर पर हो या बाहर कही दूर छुट्टी का आनंद ले रहे हों कक्षा के समय पर अपनी क्लास ज्वाइन कर सकता हैं परन्तु पारंपरिक कक्षाओं में छात्रों को कक्षा में भाग लेने के लिए स्कूल जाना पड़ता है।
2. समय (Time) : पारंपरिक कक्षाओं में सम्मिलिति होने के लिए छात्रों को प्रतिदिन लगभग 1 से 2 घंटे स्कूल जाने में और वहां से वापस आने में यात्रा समय होता है। ऑनलाइन कक्षा में यही समय जो ट्रैफिक जैम में रास्ते में बीतता है का उपयोग अध्ययन या किसी भी रचनात्मक कार्य सहित किसी भी उत्पादक कार्य में किया जा सकता है।
3. व्यय (Expenditure): पारंपरिक कक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रति बच्चा स्कूल कैब शुल्क लगभग 1000 / - से 2500 / - रुपये है। इसे ऑनलाइन क्लास सिस्टम में बचाया जा सकता है। इस प्रकार ऑनलाइन क्लास सिस्टम में खर्च में कम होता है।
4. भवन (Spece/Building) : स्कूलों को स्कूल भवन के लिए एक बड़े स्थान की आवश्यकता होती है, जिसमें पारंपरिक कक्षाओं को चलाया जा सके साथ ही खेल मैदान, पुस्तकालय इत्यादि के लिए भी भवन की भी जरुरत होती है जबकि ऑनलाइन कक्षा प्रणाली में स्कूलों को बिना भौतिक कक्षा के संचालित किये ऑनलाइन माध्यम से अपने अपने निवास स्थान से शिक्षक एवं छात्र के बीच पठन पाठन का कार्य किया जा सकता है।
5. सड़क पर ट्रैफ़िक (Traffic on Road): ऑनलाइन क्लासेज की सुविधा से बच्चों को स्कूल ले जाने एवं वापस घर लाने में स्कूल कैब के कारण होने वाला ट्रैफ़िक जैम कम हो सकता है। इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा क्योकि इससे गाड़ियों के धुएं से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा।
6. माता - पिता की अधिक भागीदारी (Involvement of Parents): ऑनलाइन कक्षाओं में विद्यार्थियों के साथ उनके माता-पिता के भागीदारी की अधिक आवश्यकता होती है यह भागीदारी तब और बढ़ जाती है जब बच्चे प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा 1 से 5) में पढ़ रहे हों। अभिभावकों को ऑनलाइन अध्ययन में अपने बच्चों की मदद करनी होती है। जबकि पारम्परिक कक्षाओं में बच्चे अधिक समय स्कूल में बिताते हैं।
7. स्वास्थ्य (Health): ऑनलाइन कक्षा Online Classes में छात्र इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं जो मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, टेलीविजन आदि हो सकते हैं। अधिक समय तक इन उपकरणों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक है।
8. खेल और फिटनेस (Games and Fitness): पारंपरिक कक्षाओं Traditional Classes में नियमित रूप से प्रतिदिन आउटडोर गेम्स और शारीरिक व्यायाम का अभ्यास किया जाता है जो कि शारीरिक फिटनेस के लिए अच्छा है लेकिन ऑनलाइन कक्षाओं में ऐसा कोई विकल्प नहीं है। इसके लिए बच्चो के खुद घर पर ही शारीरिक व्यायाम करने की जरुरत है।
9. व्यक्तित्व विकास (Personality Development): पारंपरिक क्लासेज व्यवस्था व्यक्तित्व विकास के लिए अच्छे होती हैं। क्योंकि इसमें आमने सामने वार्तालाप के माध्यम से सूचना का संचार होता है।
10. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और इंटरनेट उपयोग के लिए ऑनलाइन क्लास सिस्टम में खर्च पारंपरिक क्लास सिस्टम की तुलना में अतिरिक्त होगा।
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ऑनलाइन कक्षाएं बनाम पारंपरिक कक्षाएं एक छोटा दृश्य Online Classes vs Traditional Classes a short view:
ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे की मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, टैबलेट इत्यादि कक्षा में जुड़ने के लिए मुख्य उपकरण हैं। यदि हम शहर के बारे में बात करें तो यह अच्छा लगता है क्योंकि शहरों में ये लगभग सभी छात्रों के पास उपलब्ध हैं और इन विद्यार्थियों के माता-पिता भी शिक्षित होते हैं और वे अपने बच्चों की पढ़ाई में मदद करते हैं लेकिन अगर हम गाँवों की बात करें तो यहाँ अब तक सभी लोग स्मार्टफोन और इंटरनेट का उपयोग नहीं करते हैं इसलिए ऑनलाइन क्लासेस सिस्टमअव्यवहारिक सा प्रतीत होता है। गाँव के इलाकों में इंटरनेट की गति बहुधा धीमी होती है। इंटरनेट के उपयोग का प्रतिमाह खर्च भी गरीब ग्रामीणों को बहुत अधिक लगता है क्योंकि उनकी आय बहुत कम होती है। हालाँकि अगर सरकार ऐसा करना चाहे तो इन समस्याओं को हल किया जा सकता है।
मध्याह्न भोजन, पुस्तक और स्कूल ड्रेस इत्यादि वस्तुओं को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली Traditional Educatin System में सरकार द्वारा छात्रों को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है। इसलिए ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली Online Education System के इस दौर में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार छात्रों को मुफ्त में शिक्षा संबंधी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, इंटरनेट आदि प्रदान कर सकती है। नई युवा पीढ़ी भी नई तकनीक के साथ सीखना चाहती है।
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